01 जनवरी 2021 शौर्य दिवस
भीमा कोरेगांव युद्ध 01 जनवरी 1818 में विजय “शौर्य दिवस” की हार्दिक बधाई
“शौर्य दिवस”
(01 जनवरी 1818 – 01 जनवरी 2021) के 203 वर्ष पूर्ण होने पर भारतीय मूलनिवासी संगठन की तरफ से सभी मूलनिवासियों को बहुत-बहुत बधाई एवं हार्दिक मंगलकामनाये !
मित्रों,
प्रतिवर्ष 01 जनवरी को पूरा संसार नया वर्ष आने की खुशी में उत्सव मनाता है ! लेकिन इसी दिन एक और खास घटना हमारे देश में घटी थी ! जिससे मूलनिवासी समाज के शौर्यगाथा का पता चलता है ! 01 जनवरी 1818 भीमा कोरेगांव के युद्ध में 28000 पेशवाई सेना की हार तथा 500 मूलनिवासियों की विजय का दिन है ! जिसमें 500 महारों ने 28000 पेशवाओं को युद्ध में धूल चटा दी थी ! भारत में अंग्रेज़ी राज़ की स्थापना के विषय में सामान्यतः लोग यह मानते हैं कि अंग्रेज़ों के पास आधुनिक हथियार और सेना थी, इसलिए उन्होंने आसानी से भारत पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया !
लेकिन
सच्चाई यह है कि अंग्रेजों ने भारत के राजाओं-महाराजाओं को अंग्रेज़ी सेना से नहीं बल्कि भारतीय सैनिकों की मदद से परास्त किया था ! अंग्रेजों की सेना में बड़ी संख्या में भर्ती होने वाले ये सैनिक कोई और नहीं बल्कि अधिकतर इस देश के ‘अछूत’ कहलाने वाले लोग थे ! जानवरों सा जीवन जीने को विवश अछूतों को जब अंग्रेजी सेना में नौकरी मिली तो बेहतर जीवन और इज्जत के लिए ये अंग्रेजी सेना में शामिल हो गए ! परिणाम स्वरूप जो संघर्ष हुआ वह देश के इतिहास में दर्ज है !
01 जनवरी 1818 को भीमा कोरेगांव के युद्ध में 500 महार सैनिकों ने 28000 पेशवाई सेना को धूल चटा दी थी ! इस ऐतिहासिक दिन को याद करते हुए डॉ बाबा साहेब डॉ० भीमराव आम्बेडकर प्रतिवर्ष 01 जनवरी को भीमा कोरेगांव जाकर उन वीर दलितों का नमन किया करते थे !
सभी मूलनिवासी समाज को अपने पूर्वज उन 500 महार सैनिकों को नमन करना चाहिए, जिन्होंने 28000 पेशवाओ के सर कलम कर दिए थे ! क्योंकि इस युद्ध में पेशावाई सेना की हार के बाद ‘पेशवाई राज खतम हो हो गया था ! इसके फलस्वरूप ‘अंग्रेजों’ ने भारत देश में ‘शिक्षा’ का प्रचार किया ! जो हजारों सालों से बहुजन समाज के लिए बंद था ! इसके उपरांत ज्योतिराव फुले पढ़ पाएं और इस देश की जातिगत व्यवस्था को समझ पाए ! अगर ज्योतिराव फुले न पढ़ पाते तो छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि कौन ढूंढ़ता ? अगर ज्योतिराव फुले न पढ़ पाते तो ‘सावित्री बाई’ कभी इस देश की प्रथम ‘महिला शिक्षिका’ नही बन सकती थी ! सावित्री बाई के अशिक्षित रहने की स्थिति में इस देश की महिलाएं कभी न पढ़ पाती ! छत्रपति शाहूजी महाराज भी कभी आरक्षण नहीं दे पाते और बाबा साहेब डॉ० भीमराव आम्बेडकर भी नहीं पढ़ पातें ! आप यह समझ सकते हैं कि अगर बाबा साहेब डॉ० भीमराव आम्बेडकर नहीं पढ़ पाते तो मूलनिवासी बहुजनो की स्थिति आज क्या होती ? इसलिए जिस तरह बाबा साहेब आम्बेडकर प्रतिवर्ष 01 जनवरी को भीमा कोरेगांव जाकर उन वीर योद्धाओ को नमन करते हुए सलामी दिया करते थे, हमें भी हर वर्ष 01 जनवरी को उन वीर योद्धाओ के प्रति सलामी देनी चाहिए और आदरांजली व्यक्त करनी चाहिए उन्हें नमन करना चाहिए ! हमे अपने पूर्वजों के शौर्य को याद कर गौरवान्वित होना चाहिए तथा हर वर्ष 01 जनवरी को “शौर्य दिवस” के रूप में मनाना चाहिए !
जय भीम, जय भारत, जय मूलनिवासी !
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http://mybms.org/
#भारतीय_मूलनिवासी_संगठन
#BMS
Bahut bahut badhai sur
साधुवाद
Sir
Jai bhim Jai Bharat
जय भीम
Jay bhim
जय भीम
शौर्य दिवस की हार्दिक बधाई सर
साधुवाद
साधुवाद
Jai bhim jai mulnivasi
जय भीम
भीमा कोरेगांव युद्ध में विजय की ढेरों शुभकामनाएं बधाइयां आपको एवं भारतीय मूलनिवासी संगठन की पूरी टीम को
नमो बुद्धाय जय भीम जय मूलनिवासी जय भारत जय संविधान
साधुवाद
भारतीय मूलनिवासी संगठन ज़िन्दाबाद!💪
साधुवाद
जय भीम
जय भीम
भारतीय मूलनिवासी संगठन ज़िन्दाबाद!💪
शूद्रों के इतिहास की गौरव गाथा भोमाकोरेगाव युद्ध की विजय दिवस की सभी मूलनिवासी बंधुओं को हार्दिक मंगलकामनाएं
जय भीम
जाटव हूं जाटव सारा सिस्टम हिला दूंगा, मनुवादियों को उनकी नानी याद दिला दूंगा। (जय भीम जय मूलनिवासी जय संविधान साथियों) आपका अपना भाई अजीत गौतम
जय भीम
जय भीम
जय भीम
सभी भीमाकोरे गांव के बीर सपूतों को कोटि कोटि नमन करती हूं 💐💐
जय भीम नमो बुद्धाय🙏🙏
साधुवाद
भीमा कोरेगांव युद्ध में विजय की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां
जय भीम सर् जी बहुत बहुत बढ़िया
साधुवाद
Jai bhim jai bms sir
जय भीम
Jai Bhim
जय भीम
Jai bheem sir
जय भीम
बहुत बढ़िया सर जय भीम।
जय भीम
(जय भीम जय मूलनिवासी जय संविधान साथियों) आपका अपना भाई laxman parmar
जय भीम
जय भीम नमो बुद्धाय
जय भीम
जयभीम सर,,,हम ऐसे ही आगे बढ़ते रहेंगे