भारतीय मूलनिवासी संगठन का मुख्य उद्देश्य 

 

मुख्य उद्देश्य : तथागत गौतम बुद्ध, सम्राट अशोक, संत शिरोमणि रविदास, संत कबीर, गुरु नानक, संत तुकाराम, शिवाजी महाराज, तिलका मांझी, गुरु घासीदास, शहीद मातादीन, राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले, टंटिया भील, नारायण गुरु, स्वामी अछुतानंद, शाहूजी महाराज, धरती आबा बिरसा मुण्डा, हसरत मोहानी, संत गाडगे महाराज, ई० वी० रामास्वामी नायकर, सर छोटूराम, राष्ट्र निर्माता बाबा साहेब डा० भीमराव अम्बेडकर, शहीद उधम सिंह, चौ० चरण सिंह, जयपाल मुंडा, शहीद भगत सिंह, पेरियार ललई सिंह यादव बौद्ध, बी०पी०मंडल, अन्ना भाऊ साठे, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राम स्वरुप वर्मा, कर्पूरी ठाकुर, ए०पी०जे० अब्दुल कलाम, मा० कांशीराम, वीरांगना झलकारी बाई, वीरांगना उदादेवी, माता सावित्रीबाई फुले, वीरांगना अवंती बाई लोधी, माता फातिमा बेगम शेख, माता रमाबाई अम्बेडकर आदि मूलनिवासी बहुजन महापुरुषों एवं वीरांगनाओं के सपनों के भारत का निर्माण करना तथा भारतीय संविधान को ईमानदारी से एवं पूर्ण रूप से लागू कराना ही भारतीय मूलनिवासी संगठन का मुख्य उद्देश्य है !

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संगठन का प्रयास

 

भारत के सभी मूलनिवासियों को “अम्बेडकरवादी वैचारिक क्रान्ति’’ कैडर कैम्प, सेमिनार, ऑडियो, विडियो, गीत, नाटक, सभाओं, लेख व पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से जागरुक कर ढोंग, आडम्बर, पाखण्डवाद और अन्धविष्वास का जड से खात्मा करने का प्रयत्न करते हुए मनुवादी मानसिक गुलामी से हमेशा-हमेशा के लिये आजादी दिलाने का प्रयत्न करना। भारत के सभी मूलनिवासी एससी, एसटी, ओबीसी एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों के मध्य सामाजिक स्तर पर भाईचारा स्थापित करना एवं देश की धन-धरती, शासन-प्रशासन, न्यायपालिका, सेना, मीडिया, व्यापार आदि समस्त संसाधनों का आबादी के अनुपात में बटवारे का प्रयत्न करना तथा भारत के सभी मूलनिवासियों को राजनैतिक, सामाजिक, शैक्षणिक, न्यायिक व आर्थिक अधिकार दिलाने का प्रयत्न करना और भारत के मूलनिवासियों पर हो रहे जुल्म-ज्यादती और अत्याचार का खात्मा करना।

सम्मेलन/महासम्मेलन

अम्बेडकरवादी वैचारिक क्रांति सम्मेलन (प्रथम)
अम्बेडकरवादी वैचारिक क्रांति महासम्मेलन
अम्बेडकरवादी वैचारिक क्रांति सम्मेलन (द्वितीय)
बहुजन एकता महासम्मेलन (नई दिल्ली)

अन्य कार्यक्रम

भारतीय मूलनिवासी संगठन

देवरिया उत्तर प्रदेश में संगठन के कदम